Spreadtalks Webteam : नई दिल्ली:- चहारदीवारी का निर्माण कर तालाबों में डाला जाएगा स्वच्छ पानी, पार्क बनाया जाएगा और पौधे लगेंगे -तालाबों की चहारदीवारी निकाल भरा जाएगा स्वच्छ पानी, चारों तरफ लगेंगे छायादार पौधे, सैर करने के लिए बनेगी पगडंडी, भूमिगत जल के स्तर में भी होगा सुधार जागरण संवाददाता, जींद : अमृत सरोवर योजना के तहत जिले के 63 गांवों के 75 तालाबों का चयन किया गया है। इनका दो चरणों में काम होगा, पहले चरण में 52 और दूसरे चरण में 23 तालाबों पर कुल 80 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जो तालाब ग्रामीण आबादी के साथ लगते हैं, उनका चयन किया गया है। इन तालाबों की चहारदीवारी निकाली जाएगी और स्वच्छ पानी भरा जाएगा। तालाब के चारों तरफ पौधे लगाए जाएंगे और सैर करने के लिए पार्क व फुटपाथ बनाया जाएगा।
दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी बहुत तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में बढ़ती हुई यह गर्मी पानी बचाने की हमारी जिम्मेदारी को उतना ही बढ़ा देती है। हो सकता है कि आप अभी जहां हैं वहां पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो, लेकिन आपको उन करोड़ों लोगों को भी हमेशा याद रखना होगा जो जल संकट वाले क्षेत्र में रहते हैं, जिनके लिए पानी की एक-एक बूंद अमृत समान होती है। ऐसे में आज भारत जिन संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रहा है उनमें जल संरक्षण भी एक है। कहते हैं कि पानी की उपलब्धता और पानी की किल्लत किसी भी देश की प्रगति और गति को निर्धारित करते हैं। पृथ्वी पर जल के बिना जीने की कल्पना नहीं की जा सकती है। जल केवल मानव जाति के लिए ही नहीं बल्कि जीव-जन्तुओं और पेड़ पौधों के लिए भी आवश्यक है। समस्त जीव जगत का आधार ही जल है। इसलिए कहा भी गया है कि ”जल ही जीवन है।”
जिलेभर में 700 से ज्यादा तालाब हैं। ज्यादातर तालाबों के हालात बुरे हैं। ग्रामीण आबादी के साथ लगते अधिकतर तालाब गंदे पानी की निकासी के लिए ही प्रयोग हो रहे हैं और गंदगी से अटे पड़े हैं। जिसके कारण उनका पानी पशुओं को भी पिलाने के लायक नहीं है। कुछ दशक पहले जब गांवों में संसाधन सीमित होते थे। तब तालाब का पानी पशुओं को पानी पिलाने और नहलाने के साथ-साथ घरेलू प्रयोग में भी लाया जाता था, लेकिन पिछले कई सालों से तालाबों की स्थिति खराब है।
नालियों में बहने वाला गंदा पानी तालाबों में भर रहा है। बरसात के समय तालाब ओवरफ्लो हो जाते हैं, जिससे गलियों में भी पानी भर जाता है। जिस वजह से लोगों ने अपने पशुओं को घर पर ही पानी पिलाना और नहलाना शुरू कर दिया है। सरकार की योजना इन तालाबों का सौंदर्यीकरण करने के साथ-साथ जल संरक्षण भी करना है, क्योंकि भूमिगत जल स्तर तेजी से गिर रहा है। तालाबों की चहारदीवारी निकालने से उनमें गंदा पानी नहीं आएगा और पार्क व फुटपाथ बनाने से गांव का सौंदर्यीकरण भी बढ़ेगा। किस खंड से कितने तालाब :
जींद खंड के बराह कलां के दो तालाब, जलालपुरा कलां का एक तालाब, ललित खेड़ा के दो तालाब, मनोहरपुर का एक तालाब, निडाना का एक तालाब, पोंकरी खेड़ी के दो तालाब, अमरेहड़ी, बहबलपुर, भैरोखेड़ा, गोबिदपुरा, ईक्कस, झांझ खुर्द, जुलानी, खरकरामजी, खुंगा, रधाना, रामराय, शाहपुर, सिधवी खेड़ा, सुंदरपुर गांवों के तालाबों का चयन किया गया है। अलेवा खंड में अलेवा, खेड़ी बुल्लांवाली, नगूरां गांवों के एक-एक तालाब का चयन किया गया है।
जुलाना खंड के बुआना के तीन तालाब, गतौली का एक, गढ़वाली का एक, बराड़ खेड़ा का एक, हथवाला का एक, खरैंटी का एक, किलाजफरगढ़ का एक तालाब का चयन हुआ है।
नरवाना खंड के भाणा ब्राह्मण, भिखेवाला, बिधराना, दबलैन, फरैण कलां, फरैण खुर्द, फुलियां कलां, गुरुसर, गुरथली, जुलहेड़ा, कान्हा खेड़ा, कलोदा कलां, कलोदा खुर्द, कर्मगढ़, खानपुरा का एक, मोहल खेड़ा, सैंथली, सिघवाल, सुलहेड़ा और लोहचब के एक-एक तालाब का चयन किया गया है। सफीदों खंड के बागडू कलां, खातला, मल्लार, मुआना, सिघाना में एक-एक तालाब का का चयन किया गया है।
उचाना खंड के बडनपुर, बागनवाला, भौंसला, छात्तर, धनखड़ी, दुर्जनपुर, काब्रच्छा, मखंड, सुरबरा के तालाबों का चयन किया गया है। उझाना खंड के बेलरखां, धमतान साहिब, रसीदां और कालवन गांव के एक-एक तालाब का चयन किया गया है। 75 तालाबों का हुआ है चयन :
पंचायती राज एक्सइएन प्रेम सिंह राणा ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के तहत जिले के 77 तालाबों का नाम मुख्यालय भेजा गया था। उनमें 75 तालाबों का चयन हुआ है। प्रदेश में एक मई से योजना की शुरुआत हुई है। मुख्यालय की तरफ से भी तालाबों की सूची आई है। 15 अगस्त 2022 तक इन तालाबों का काम पूरा करने का लक्ष्य है।
कब शुरू हुआ अमृत सरोवर मिशन ?
भविष्य के लिए जल संरक्षण की दृष्टि से, पीएम मोदी ने 24 अप्रैल 2022 को अमृत सरोवर पर एक नया मिशन शुरू किया। मिशन का उद्देश्य आजादी के अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है। कुल मिलाकर, इससे लगभग एक एकड़ या उससे अधिक आकार के 50,000 जलाशयों का निर्माण होगा।
कब तक पूरा होगा यह मिशन ?
मिशन अमृत सरोवर को 15 अगस्त 2023 तक पूरा किया जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस दौरान देश में लगभग 50,000 अमृत सरोवर का निर्माण किया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक अमृत सरोवर में 10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता के साथ लगभग 1 एकड़ का क्षेत्र होगा।
कर सकते हैं मनरेगा की राशि का उपयोग
पीएम मोदी ने देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के लिए मनरेगा की राशि के उपयोग का सुझाव भी दिया है। हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत उपयोगी होगा। इसका बहुत लाभ हमारी धरती माता को भी मिलेगा। बीते सालों में अत्यधिक मात्रा में धरती से जल के दोहन के कारण धरती में पानी की कमी हो गई है। इसलिए इस विकट समस्या को निपटाने का एकमात्र रास्ता जलाशयों का निर्माण करना है।
पानी बचाने के लिए बनें वाटर वारियर
पानी बचाने के काम में पीएम मोदी को बच्चों से बहुत उम्मीद है। पीएम मोदी इसे लेकर कहते हैं कि ”स्वच्छता को जैसे हमारे बच्चों ने आंदोलन बनाया, वैसे ही वो ‘Water Warrior’ बनकर, पानी बचाने में मदद कर सकते हैं।”
वहीं देश में बहुत से लोगों ने Water Conservation को life mission ही बना दिया है। Check Dam बनाने हों, Rain Water Harvesting हो, इसमें Individual प्रयास अहम हैं और Collective Efforts भी जरूरी हैं। इसलिए देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए जल का सदुपयोग करना होगा।