Spreadtalks Webteam : Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया है जो कि व्यक्ति की जिंदगी को बेहतर और सफल बनाने में मददगार साबित होती हैं. आचार्य चाणक्य एक लोकप्रिय कूटनीतिज्ञ रहे हैं और इनकी नीतियों को अपनाकर कई लोगों ने जीवन में सफलता का मुकाम हासिल किया है. आचार्य चाणक्य की इन्हीं नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति है. जिसमें जीवन से जुड़े कई अहम पहलुओं का जिक्र किया है. इन नीतियों को अपनाकर व्यक्ति अपनी सफलता की सीढ़ी चढ़ सकता है और अपने जीवन को भी खुशहाल बना सकता है. चाणक्य नीति के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपने दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाना चाहता है तो दो आदतों को कभी ना अपनाए. इन आदतों की वजह से आपकी बसी-बसाई गृहस्थी भी बर्बाद हो सकती है. आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार कौनसी दो बातें हैं जो कि पति-पत्नी के रिश्ते को कमजोर बनाती हैं. इन आदतों को समय रहते ही छोड़ देना चाहिए.
Chanakya Niti For Happy Marriage Life (चाणक्य नीति): खुशहाल दाम्पत्य जीवन के लिए जरूरी है कि पति और पत्नी दोनों समझदार हों. उन्हें समाज और संसार से जुड़ी बातों के बारे में अच्छे से पता हो. चाणक्य ने भी अपने नीति शास्त्र में पति और पत्नी के 6 प्रकार के गुणों की चर्चा की है.
Chanakya Niti For Motivation in Hindi: चाणक्य नीति कहती है कि पति और पत्नी का रिश्ता सबसे मजबूत रिश्तों में से एक है. इस रिश्ते को कभी कमजोर नहीं होने देना चाहिए. इन आदतों से ये रिश्ता कमजोर होता है.
क्रोध
कहते हैं कि क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है और क्रोध की वजह से व्यक्ति को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आप दांपत्य जीवन में खुशहाली पाना चाहते हैं तो अपने रिश्ते में कभी क्रोध को जगह न दें. क्योंकि क्रोध पति-पत्नी के रिश्ते को प्रभावित करता है और कई बार इसकी वजह से व्यक्ति बिना सोचे-समझे गलत फैसले ले लेता है. क्रोध की वजह से व्यक्ति सही-गलत में अंतर करना भूल जाता है. इसलिए पति-पत्नी के रिश्ते में क्रोध को कभी न आने दें. यदि किसी बात पर गुस्सा आ रहा है तो खुद को शांत करें और आराम से बैठकर बात करें.
धोखा
वैसे तो धोखा किसी भी रिश्ते में नहीं होना चाहिए. खासतौर पर पति-पत्नी के रिश्ते में धोखे की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. क्योंकि यह रिश्ता भरोसे और विश्वास पर टिका होता है. दो अंजान लोग केवल एक-दूसरे पर विश्वास करके ही अपनी पूरी जिंदगी एक-दूसरे के नाम लिख देते हैं. ऐसे में अगर इस रिश्ते में धोखा आ जाए तो रिश्ता खत्म होते देर नहीं लगती. धोखा देने वाला व्यक्ति कभी अपने रिश्ते का सम्मान नहीं करता और खुद को सही साबित करने के लिए गलत व झूठ का सहारा लेता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार प्यार और भरोसा पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है. वहीं धोखे की वजह से यह रिश्ता चुटकियों में टूट जाता है.
अपने घर की बातें बाहर किसी को भी न बताएं
पति पत्नी को कभी भी अपनी निजी बातें बाहर वालों को नहीं बतानी चाहिए। चाहे वो आपका कितना भी करीबी क्यों न हो। ऐसे करने से पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आ सकती है। या कोई दूसरा व्यक्ति इन सीक्रेट का फायदा उठाकर पति-पत्नी के बीच विवाद करवा सकता है। ध्यान रखिए बाहर वाला आपके निजी राज जानकार आपकी छवि ही खराब करेगा और यदि ऐसा हुआ तो आपके रिश्तों में बुरा असर पड़ेगा। इसलिए भूलकर भी वैवाहिक जीवन की सीक्रेट बातें किसी से शेयर न करें।
अहंकार से दूर रहें
चाणक्य नीति अनुसार अहंकार किसी भी रिश्ते को कमजोर बना सकता है। पति-पत्नी के रिश्ते में अहंकार कोई स्थान नहीं होना चाहिए। चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार धर्म में भी पति और पत्नी दोनों को समान दर्जा प्राप्त है इसलिए दोनों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। याद रखिए जिन रिश्तों में अहम आ जाता है वो रिश्ता ज्यादा दिन टिक नहीं पाता। अहंकारी व्यक्ति किसी की भावना की कद्र नहीं कर सकता इसलिए बेहतर होगा पति पत्नी इसे अपने रिश्ते के बीच में न आने दें।
एक दूसरे पर भरोसा करें
हर रिश्ते की नींव होता है विश्वास। यदि आपको अपने पति या पत्नी पर भरोसा नहीं है, इसका अर्थ है कि आपके रिश्ते की डोर मजबूत नहीं है। यदि पति और पत्नी के बीच शक की दीवार आ जाती है तो इसका अर्थ है कि आपका रिश्ता टूटने की कगार पर है। इसलिए अपने रिश्ते में कभी भी शक न आने दें। यदि आपको कभी ऐसा लगता है तो सीधा जाकर उनसे पूछ लें।
एक दूसरे पर न करें शक
कहते हैं वहम या शक किसी भी रिश्ते को बर्बाद कर सकता है। वहमी व्यक्ति किसी की बात नहीं सुनता उसे अक्सर यही लगता है कि वो जो सोच रहा है वही ठीक। इसलिए अपने रिश्ते से शक को दूर रखें और एक-दूसरे पर विश्वास करें।
एक दूसरे से न बोलें झूठ
यदि पति और पत्नी कुछ छिपाने के लिए झूठ बोलते हैं तो समझ लीजिए उनके रिश्ते में बचाने जैसा कुछ है ही नहीं। यदि कभी आपको ऐसा लगता है कि आप सच बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं तो एक दूसरे से बात करके समस्या को सुलझाएं। और एक दूसरे का सहयोग करने का प्रयास करें।