Haryana Alert: कहीं आपको भी तो नहीं है यह लक्षण, हरियाणा के अस्पतालों में इनफ्लुएंजा को लेकर अलर्ट जारी

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Spreadtalks Webteam : नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि देश के अधिकांश हिस्सों में एक सप्ताह से अधिक समय तक बुखार के साथ गंभीर खांसी के बढ़ते मामले इन्फ्लुएंजा ए एच3एन2 से जुड़े हो सकते हैं, जो वायरस का एक प्रकार है। एक उपप्रकार है और फ्लू का कारण बनता है। स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा, “15 दिसंबर से निगरानी डेटा ने इन्फ्लूएंजा ए एच3एन2 के मामलों की संख्या में वृद्धि दिखाई है।” इन्फ्लुएंजा ए और बी के बढ़ते खतरे को देखते हुए हरियाणा को भी अलर्ट कर दिया गया है। राज्य के अस्पतालों में 40 फीसदी लोगों में संक्रमण के लक्षण देखे गए हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व निजी अस्पतालों को अलर्ट रहने के साथ ही अलग से फ्लू ओपीडी शुरू करने को कहा है.

Haryana Alert

Haryana Alert कोविड के बाद एच3एन2 इन्फ्लुएंजा के बढ़ते मामले चिंता का विषय बन गए हैं। इसके लक्षण कोविड जैसे ही हैं। एक दिन में कानपुर के हैलट अस्पताल में सांस की तकलीफ के चलते 24 मरीजों को भर्ती कराया गया है. लोग आशंकित हैं कि कहीं यह कोविड तो नहीं है। वहीं, मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि यह कोविड नहीं है। क्योंकि कोरोना और एच3एन2 वायरस में बहुत बड़ा अंतर है।

डॉ. गुप्ता ने कहा कि पिछले एक साल में हम उम्मीद कर रहे थे कि कोविड के बाद इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियां कम होंगी. लेकिन हुआ ऐन उलटा। मेटा-वायरस, राइनो वायरस, एडेनोवायरस, इन्फ्लुएंजा वायरस जैसे वायरस का संक्रमण बढ़ गया है। दूसरी असामान्य बात यह है कि यह ऊपरी श्वास नली को प्रभावित कर रहा है। जैसे गले, नाक और आंखों में लंबे समय तक जलन रहना। एडेनोवायरस और इस वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या आमतौर पर 5% से कम होती है, जो अब बढ़ गई है। इसके कारणों का अभी पता लगाया जा रहा है।

इलाज के लिए प्रोटोकॉल जारी किया
स्वास्थ्य विभाग की ओर से संक्रमण के इलाज के लिए प्रोटोकॉल भी जारी किया गया है। एंटीबायोटिक दवाओं के अति प्रयोग के खिलाफ सावधानी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा ए और बी दोनों मामलों का प्रकोप दिख रहा है। इसके साथ ही बैक्टीरियल और वायरल दोनों तरह के क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, अस्थमा और निमोनिया के तीव्र प्रकोप के मरीज मिल रहे हैं।

H3N2 और COVID-19 में क्या अंतर है?
एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर पीयूष रंजन का कहना है कि कोविड श्वसन तंत्र के निचले हिस्से को प्रभावित करता है. जबकि H3N2 ऊपरी श्वसन पथ को प्रभावित करता है। जैसे बुखार, खांसी, जुकाम, गले, नाक और आंखों में लंबे समय तक जलन रहना। दरअसल, दोनों के लक्षण एक जैसे हैं और यह तेजी से फैल रहा है। वहीं, कुछ निजी अस्पताल एच3एन2 की जांच कर रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह जांच अनावश्यक और खर्चीली है। क्योंकि सरकारी अस्पतालों में इसके टेस्ट नहीं हो रहे हैं. जबकि निजी अस्पताल एच3एन2 टेस्ट के लिए 6000 रुपए तक चार्ज कर रहे हैं।

ये हैं संक्रमित होने के लक्षण
संक्रमण होने पर मरीजों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। तीन दिन के अंत में बुखार उतर जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है। तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ वाले लोगों को तुरंत अस्पतालों में रिपोर्ट करने को कहा गया है.

बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है. विभाग ने बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों और सह-रुग्णता वाले रोगियों को अलर्ट पर रखने को कहा है। सामान्य फ्लू या इन्फ्लूएंजा संक्रमण अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों को अलग-अलग गंभीरता से प्रभावित करता है। सामान्य फ्लू इस वर्ष अत्यधिक संक्रामक है और परिवार के सभी सदस्यों को प्रभावित कर सकता है।

नमस्कार, मेरा नाम कमलेश देवी है और मैं spreadtalks.com पर खबर लेखन करने वाली एक लेखक हूँ। मैं Haryana की ब्रेकिंग न्यूज़ अपडेट लिखती हूँ ताकि आप लोग समय पर और सही जानकारी प्राप्त कर सकें। मेरा लक्ष्य हमेशा से यह होता है कि मैं अपने काम को एक उच्च स्तर पर प्रदर्शित करूँ जिससे आप लोगों तक अच्छी तरह से समाचार पहुंच सकें। मैं उम्मीद करती हूँ कि मैं SpreadTalks के माध्यम से आप सभी को समाचारों की सटीक और तेज अपडेट प्रदान कर पाउँगी।

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