Haryana के कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी से हुआ एतराज, लाख में से 86 हजार ही कर रहे इसका इस्तेमाल

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Spreadtalks Webteam:- अम्बाला:- हरियाणा में कर्मचारियों (Haryana employees) की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 5,251 बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं। इसके अलावा 354 टैबलेट के माध्यम से कर्मचारी हाजिरी लगाते हैं। सभी 207 विभागों, बोर्डों, निगमों और वितरण कंपनियों के जिला स्तरीय कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति भी लागू की गई है। कोविड के दौरान इन मशीनों से हाजिरी लगाने की व्यवस्था बंद कर दी गई थी। हरियाणा में बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने में कर्मचारी अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब हरियाणा सिविल सचिवालय में यह आंकड़ा मिला। हरियाणा में विभिन्न सरकारी कार्यालयों से 4.30 लाख कर्मचारी इस प्रणाली के माध्यम से पंजीकृत हैं, लेकिन केवल 86 हजार कर्मचारी ही इस प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं।

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मशीन खराब
हरियाणा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने इसके लिए दोषपूर्ण बायोमेट्रिक मशीनों को जिम्मेदार ठहराया है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कर्मचारी हमेशा अनुशासित रहता है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कार्यालयों में मैनुअल हाजिरी की व्यवस्था भी शुरू की जाए, जिससे कार्यालयों की व्यवस्था में सुधार करने में मदद मिलेगी.

सरकार सख्ती करेगी
मुख्य सचिव कार्यालय के मुताबिक बायोमीट्रिक हाजिरी को लेकर हुए इस खुलासे के बाद सरकार सख्त फैसला लेने की तैयारी कर रही है. अधिकारियों के मुताबिक लापरवाह कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हरियाणा में बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने में कर्मचारी अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब हरियाणा सिविल सचिवालय में यह आंकड़ा मिला। हरियाणा में विभिन्न सरकारी कार्यालयों से 4.30 लाख कर्मचारी इस प्रणाली के माध्यम से पंजीकृत हैं, लेकिन केवल 86 हजार कर्मचारी ही इस प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं।

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कार्यालयों में 5,251 बायोमेट्रिक मशीनें
हरियाणा में कर्मचारियों की हाजिरी के लिए 5,251 बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई हैं। इसके अलावा 354 टैबलेट के माध्यम से कर्मचारी हाजिरी लगाते हैं। सभी 207 विभागों, बोर्डों, निगमों और वितरण कंपनियों के जिला स्तरीय कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति भी लागू की गई है। कोविड के दौरान इन मशीनों से हाजिरी लगाने की व्यवस्था बंद कर दी गई थी।

यही स्थिति महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी पर्यवेक्षकों की है। आंगनवाड़ी केंद्रों में बायोमेट्रिक मशीन नहीं है, लेकिन जब तक वे कार्यालय जाते हैं और आंगनवाड़ी लौटते हैं, तब तक आंगनवाड़ी बंद करने का समय आ जाता है। बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा टीकाकरण समेत अन्य मामलों में भी यही समस्या आ रही है।

लांबा ने मुख्यमंत्री को बताया कि अधिकारी बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली का खुलेआम दुरूपयोग कर रहे हैं. हाजिरी नहीं लगाने वाले कर्मचारियों का पांच माह का वेतन रोका जा रहा है। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर इसका उदाहरण है। इसलिए फील्ड और तकनीकी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली से छूट दी जा सकती है।

कर्मचारी नेताओं की इस समस्या को समझते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपर मुख्य सचिवों को अपने-अपने विभागों में फील्ड व तकनीकी स्टाफ तय करने के निर्देश दिए. इन्हें राहत देने का निर्णय अपर मुख्य सचिव अपने स्तर पर ले सकते हैं।

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