Spreadtalks Webteam: रोहतक: हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के अभियान के तहत हरियाणा ने देश का पहला टीबी मुक्त राज्य बनने का लक्ष्य रखा है। इधर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व निजी चिकित्सा संस्थानों से कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य में एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसके तहत सरकारी व निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थान व डॉक्टर हरियाणा को टीबी मुक्त बनाएंगे. बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के अभियान के तहत राज्य सरकार ने हरियाणा को देश में पूरी तरह से टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है.
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक राज्य टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसके तहत सरकारी और निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थान और डॉक्टर मिलकर हरियाणा को टीबी मुक्त बनाने के लिए काम करेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ में टीबी मुक्त हरियाणा अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व निजी चिकित्सा संस्थानों के साथ अहम बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। इस पहल के तहत निक्षय 2.0 प्लेटफॉर्म के माध्यम से टीबी रोगियों को पोषण संबंधी सहायता, परीक्षण सहायता और व्यावसायिक सहायता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था निक्षय 2.0 वेब पोर्टल www.communitysupport.nikshay.in के माध्यम से अपना पंजीकरण कराकर निक्षय मित्र के रूप में जुड़कर टीबी रोगियों की मदद कर सकता है। पंजीकरण के बाद भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार भी टीबी के मरीजों का चयन किया जा सकता है। तत्पश्चात गोद लेकर रोगी के उपचार पर लगभग 1 वर्ष तक मासिक खेल आहार के रूप में 400 से 500 रुपये की राशि से रोगी के उपचार में सहायता मिल सकती है।
उन्होंने निर्देश दिए कि टीबी के मरीजों का पता लगाने के लिए प्रत्येक जिले में मोबाइल यूनिट की व्यवस्था की जाए, जो घर-घर जाकर टीबी निदान जांच करेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा को टीबी मुक्त बनाने के लिए विभिन्न पहलों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसके तहत टीबी के मरीजों का पता लगाकर इलाज सुनिश्चित करने और इलाज की अवधि में पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने राज्य में इगरा लैब की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। इगरा लैब की संख्या बढ़ने से टीबी जांच की गति और बढ़ेगी। इग्रा लैब में सैंपल की जांच के बाद यह पता चल जाता है कि टीबी के संक्रमण के लक्षण दिखने से पहले ही व्यक्ति में टीबी का संक्रमण शुरू हो गया है या नहीं।
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने निरोग हरियाणा योजना शुरू की है, जिसके तहत पहले चरण में 1.80 लाख रुपये तक सालाना आय वाले परिवारों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. अब तक 2 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है।
मरीजों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को टीबी मुक्त बनाने के लिए विभिन्न पहलों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसके तहत मरीजों का समय पर पता लगाने, उनका इलाज सुनिश्चित करने और इलाज के दौरान ऐसे मरीजों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। खट्टर ने अधिकारियों को राज्य में इंटरफेरॉन गामा रिलीज एसे (आईजीआरए) प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया।
ऐसी वैन की संख्या बढ़ाई; जाएगी
मेदांता अस्पताल के नरेश त्रेहन ने बैठक में वर्चुअली हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए मेदांता अस्पताल के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। मेदांता से डिजिटल एक्स-रे और सीबी नेट मशीन से लैस छह मोबाइल वैन स्वास्थ्य जांच के लिए जिलों में जा रही हैं। आने वाले दिनों में ऐसी वैन की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि सभी जिलों को कवर किया जा सके।