Nautapa 2023: नौतपा की भीषण चिलचिलाती गर्मी में हो सकती हैं धुआंधार बारिश, जानिए ताजा मौसम जानकारी

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Nautapa 2023, नौतपा के नौ दिनों में तेज गर्मी पड़ना जरूरी है। क्योंकि इस समय समुद्र का पानी वाष्पित हो जाता है और उससे बादल बनते हैं। कहा जाता है कि अगर नौतपा के पूरे नौ दिनों तक गर्मी रहती है तो यह अच्छी बारिश का संकेत है।

Nautapa 2023: नौतपा की भीषण चिलचिलाती गर्मी में हो सकती हैं धुआंधार बारिश, जानिए ताजा मौसम जानकारी

Spreadtalks Webteam: नई दिल्ली: आज रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा जिसके साथ नौतपा शुरू हो जाएगा। नौतपा आज यानी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी से शुरू होगा। रोहिणी नक्षत्र में सूर्य का पारगमन जब सूर्य देव 15 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो इसके प्रारंभ के नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है।

क्योंकि इन पहले नौ दिनों में पृथ्वी बहुत तेजी से गर्म होती है। भगवान भास्कर कृतिका को छोड़कर रोहिणी में प्रवेश कर चुके हैं और नौ जून तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। सूर्य के नक्षत्र में परिवर्तन और सप्तमी तिथि में वृद्धि से नौतपा काफी गर्म होगा।

ज्योतिषाचार्य दावाज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि 25 मई की रात 8 बजकर 58 मिनट पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। साथ ही 25 मई से नौतपा शुरू होगा और दो जून तक भीषण गर्मी का सिलसिला जारी रहेगा। रोहिणी में सूर्य रहेगा। नक्षत्र 15 दिनों तक लेकिन पहले नौ दिनों में गर्मी का उग्र रूप अधिक रहता है। इस बीच लू, आंधी और तूफान की भी संभावना है।

नौ दिनों तक लोगों को गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि इस दौरान सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं। यह समय 25 मई से 2 जून तक रहेगा। इसके अलावा ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष में चंद्रमा अद्रार से स्वाति तक 10 राशियों में रहने पर नौतपा होता है।

नौतपा की तिथि में एक दिन की वृद्धि शुभ नहीं होती है

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यदि रोहिणी के समय वर्षा होती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलन भी कहते हैं। आचार्य दावाज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि सप्तमी तिथि बढ़ने से नौतपा 16 दिन का हो गया। नौतपा की तिथि में एक दिन की वृद्धि शुभ नहीं होती है। इससे अकाल, गर्मी सहित उथल-पुथल की आशंका है।

नौतपा पर काशी में परंपराएं
काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी के अनुसार नौतपा के दौरान परंपरा के अनुसार महिलाएं हाथों और पैरों में मेहंदी लगाती हैं. क्‍योंकि मेहंदी की कूलिंग इफेक्‍ट चिलचिलाती गर्मी से राहत दिलाती है। इन दिनों में खूब पानी पिया जाता है और जलदान भी किया जाता है ताकि लोग पानी की कमी से बीमार न पड़ें।

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