Spreadtalks Webteam: नई दिल्ली: Railway News, भारत में हर दिन लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। ट्रेन से यात्रा करना आसान होने के साथ-साथ किफायती भी है, इसीलिए ज्यादातर लोग ट्रेन को ही प्राथमिकता देते हैं।
अगर पूरी दुनिया में भारतीय रेल नेटवर्क की बात करें तो यह चौथे नंबर पर है। लगभग हर राज्य रेल के माध्यम से एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। रेलवे ने अपने यात्रियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न रूटों पर वंदे भारत ट्रेन का संचालन किया है।
पिछले कुछ दिनों से खबर आ रही है कि भारतीय रेलवे स्लीपर वंदे भारत ट्रेन vande bharat train चलाने जा रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस खबर पर सहमति जताई है. इस बारे में बताते हुए रेल मंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन के तीन फॉर्मेट हैं.
100 किमी से कम की यात्रा के लिए वंदे मेट्रो, 100-550 किमी के लिए वंदे चेयर कार और 550 किमी से अधिक की यात्रा के लिए वंदे स्लीपर। ये तीनों फॉर्मेट 2024 में फरवरी-मार्च तक तैयार हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस को भी मंजूरी दी है। देहरादून-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में 6 घंटे 10 मिनट का समय लगता है, जो ट्रेन चलने के बाद घटकर मात्र साढ़े चार घंटे रह जाएगा।
वैष्णव ने बताया कि अगले साल जून के मध्य तक हर राज्य को वंदे भारत ट्रेन मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि ट्रेनों को तेज गति से बनाया जा रहा है. दो और नई फैक्ट्रियों में ट्रेन निर्माण का काम शुरू किया जा रहा है।
रेल ट्रैक को ट्रेन के हिसाब से अपग्रेड किया जाएगा
हर आठवें या नौवें दिन कारखाने से एक नई ट्रेन तैयार हो रही है। इन स्वदेशी ‘सेमी-हाई स्पीड’ ट्रेनों का निर्माण चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है, और जल्द ही लोकल ट्रेनों की जगह लेगी।
रेल मंत्री ने कहा कि वंदे भारत को अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तैयार किया गया है. लेकिन ट्रैक की क्षमता के हिसाब से ये 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से दौड़ेंगे.
आने वाले 3-4 साल में वंदे भारत ट्रेन के हिसाब से रेल ट्रैक को अपग्रेड किया जाएगा। कोई जानवर ट्रेन की चपेट में न आए इसके लिए रेलवे की तरफ से पटरियों के किनारे बाड़ लगाई जाएगी।