Haryana का ऐसा चमत्कारी या रहस्यमयी हनुमान मंदिर “रामनाम जप करो की आवाज” सुनाई देती है, रात में रहने पर हिलती है खाट

Join and Get Faster Updates

Spreadtalks Webteam : अंबाला :- हरियाणा (Haryana) के अंबाला में पंचमुखी हनुमानजी का एक ऐसा मंदिर है, जहां ‘राम नाम जपो’ की आवाज सुनाई देती है। लोगों का दावा है कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान यहां खड़ाऊ की आवाजें सुनाई देती हैं, वहीं अगर कोई पुजारी रात में मंदिर में रुकता है तो उसकी खाट हिलने लगती है।

Haryana

अंबाला जिले के हलदारी गांव का यह प्राचीन मंदिर अपनी चमत्कारी और रहस्यमयी आवाजों के कारण लोगों की श्रद्धा का केंद्र बन गया है। यहां हर मंगलवार को सुबह बजरंगबली को 21 किलो आटे की रोटी का महाभोग लगाया जाता है।

रामचरित मानस का पन्ना पलटते थे
इस मंदिर को चलाने वाली श्री बालाजी धाम हलदारी संस्था के सचिव पदम शास्त्री ने बताया कि जब श्री श्री 108 स्वामी राम किशनदासजी महाराज यहां रामचरितमानस का पाठ किया करते थे तो पेज खत्म होते ही अपने आप पलट जाता था। श्री श्री सुशील गिरि नागा बाबा महाराज और श्री श्री 1008 स्वामी प्रह्लाद दास महाराज यहाँ रुके थे। उनके बाद यहां कोई संत या पुजारी नहीं रह सका।

यह रोचक घटना हाल ही में घटी
वर्तमान में मंदिर के रखरखाव की जिम्मेदारी श्री बालाजी हलदारी संस्था संभाल रही है। राजकीय उच्च विद्यालय हलदारी में सचिव व शिक्षक पद पर कार्यरत पंडित पद्म शास्त्री का कहना है कि कुछ दिन पहले बृजमोहन अपने परिवार के साथ टूंडला से पूजा करने यहां आया था। वह अक्सर यहां हर त्योहार पर आते हैं। दोपहर में पूजा करते समय उनके परिवार के अन्य सदस्यों को यहां आवाजें सुनाई दीं कि कोई राम का जाप कर रहा है या दो लोग आपस में बात कर रहे हैं। लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों ने बाहर आकर देखा तो वहां कोई नहीं था। बाद में जब कार में बैठकर सभी ने आपस में चर्चा की तो सभी ने इसकी पुष्टि की।

पदम शास्त्री के अनुसार कुछ वर्ष पूर्व यहां एक संत आए थे। वे कुछ दिन रुके, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में उन्हें प्रतिदिन खड़ाऊ और ‘राम नाम जापो’ की ध्वनि सुनाई देती थी, इसलिए वे यहां से चले गए।

आरती के समय किसी के होने का आभास
पंडित विशाल शर्मा ने दावा किया कि जब कोई भक्त यहां बालाजी की आरती करता है तो उसे कभी अकेलापन महसूस नहीं होता। मंदिर के अंदर आरती करते समय बाहर से हमेशा आवाज आती रहती है।

पंडित विशाल शर्मा के मुताबिक कुछ समय पहले टूंडला से बृजमोहन नाम का व्यक्ति अपने परिवार के साथ यहां पूजा करने आया था। यहां दोपहर में सिर झुकाते समय उनके परिवार के सभी सदस्यों को अलग-अलग आवाजें सुनाई दीं। कभी-कभी ऐसा लगता था जैसे कोई राम नाम जप रहा है और कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे दो व्यक्ति आपस में बात कर रहे हों। हालांकि उस वक्त यहां कोई नहीं था।

मंदिर का इतिहास
क्षेत्र में मान्यता है कि यहां श्री श्री रामकिशन दास महाराज को साक्षात हनुमानजी ने दर्शन दिए थे। रामकिशन दास महाराज को मानने वालों का दावा है कि बजरंग बली महाराज से भी बात करता था। रामकिशन दास यहां आने वाले श्रद्धालुओं से कहा करते थे कि यहां बजरंगबली विराजमान हैं। उनके बाद केवल बाबा सुशील गिरि ही यहां रह गए।

आज तक किसी को स्थायी गद्दी नहीं मिली है
श्री बालाजी धाम हलदारी संस्था के सचिव पद्म शास्त्री इसे अपना सौभाग्य मानते हैं कि उन्हें इस मंदिर में सेवा करने का अवसर मिला। पदम शास्त्री के अनुसार रामकिशन महाराज के बाद आज तक यहां किसी को स्थायी सीट नहीं मिल सकी। यहां आने वाले पुजारी को नींद नहीं आती। रात में इनकी खाट हिलने लगती है। हर समय जप करें, जप के स्वर सुनाई देने लगते हैं।

Leave a Comment